चित्र गूगल से साआभार
आज नहीं तो कल नींद आ ही जायेगी
ये रोते बिलखते लोगों की चीखें
उनकी साँसों को खा ही जायेंगी
कब तक लड़ेगे ये खाली हाथ
बात तो गुलामी तक आ ही जायेगी
जंजीरों को तोड़ना आसान नहीं होगा
संकुचित विचारधारा में जीना
अब इनको सीखना होगा
अगर आज बच जायेगे तो
कल सबको बन्दूकों चलना भी सीखना होगा
गुमनामी की ज़िन्दगी कैसे जियेंगें
अंधकार में जाते भविष्य को कैसे सीयेगे
ऐसे विनाशकों के बीच कैसे जियेंगें...