जब तुम्हारे जीवन में समस्याएं आयेगी
निराशा तुम पर हावी हो जायेगी
चारो ओर बस अन्धकार ही होगा
जब तुम्हारा आत्मविश्वास
टूट कर चकनाचूर हो जायेगा
और तुम इस अर्न्तद्वद से
निकलने की कोशिश में छटपटाओगे
बार -बार जीतने की कोशिश में
जब हार जाओगे
तब मैं आऊँगा तुम्हारी मदद को
आशा की ज्योति मैं जगाउँगा
मैं भेज दूँगा अंजुरी भर धूप
जिससे तुम्हारे जीवन को मिलेगा नया रूप
नये रास्ते पर चलने का साहस मिलेगा
और मिलेगी नयी उर्जा,उत्साह
जो तुम्हें अँधेरे से निकालकर
रौशनी में ले आयेगा
और तुम्हारे आत्मविश्वास को
दोगुना बढ़ा जायेगा फिर
मन में चल रहे विचारों
को दिशा मिल जायेगी
बस तुम लड़ते रहना,हारना मत
मैं भेज दूँगा अंजुरी भर धूप
तुम्हारे जीवन को रोशन करने के लिए
तुम घबराना मत ....
बहुत ही सुंदर.....
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (22 -6-21) को "अपनो से जीतना नहीं , अपनो को जीतना है मुझे!"'(चर्चा अंक- 4109 ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
--
कामिनी सिन्हा
बहुत बहुत आभार आपका मैम मेरी रचना शामिल करने के लिए
हटाएंबहुत ही सुंदर रचना....🌹💕💕💕
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंवाह सुन्दर भाव आत्म बल बढ़ाते हुए!!
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत बहुत सुन्दर |हार्दिक शुभ कामनाएं |
जवाब देंहटाएंआभार सर
हटाएंBAHUT HI ACHA LEKH HAI APKA ...
जवाब देंहटाएंआभार आपका
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सृजन धूप अँजुरी में भरना...वाह!
जवाब देंहटाएंसादर
परम शक्ति पर आस्था दिखाती बहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंविश्वास से परिपूर्ण।
बहुत सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर। सार्थक सृजन। बधाई आपको। सादर।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सारगर्भित कविता।बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं आपको।
जवाब देंहटाएं