चित्र -गूगल साअभार
निकल पडी गन्तव्य को अपने तुम्हें दूर है जाना
संघर्षों के पथ को तुमने अपना जीवन माना
पग-पग पर तुम टकराती हो जीवन की सच्चाई से
तोड़ के सारी बाधाओं को चलती तुम अलसाई सी
माना कि तुम थकी बहुत हो, पर तुम्हें दूर है जाना
कदम दो कदम सुस्ता लो फिर तेजी से बढ़ जाना
करो परिश्रम आगे बढो तुम, मंजिल अभी दूर है
इतना लम्बा रास्ता है कि तुम छाया सुरुर है
कहाँ तुम्हारी मंजिल है ये मैने अब पहचाना
सागर से मिलने को चली तुम ये मैंनें है जाना....