मंगलवार, 4 अक्तूबर 2022

थोडी़ सी शाम



मैं रोज अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी से
थोड़ी सी शाम बचा लेता हूँ कि 
तुम आओगी तो छत के 
इसी हिस्से पर बैठकर बातें करेंगें 
जहाँ से सूरज सिन्दूरी रंग में 
लिपटा हुआ दिखाई देगा 
जहाँ से पक्षियों का झुंड
अपने घोसलें में लौटता दिखाई देगा 
इस सिन्दूरी आभा से मोहित हो
क्या पता एक शाम तुम भी 
अपने घोसलें पर वापस आ जाओ 
इसीलिए मैं ये शाम बचाकर रखता हूँ 
कि ना जाने तुम कब लौट आओ.. 

शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

प्रेम पत्र

मुझे एक प्रेम पत्र लिखना है
इन पड़े-पौधों के लिए
लहराती सी इस घास के लिए 
इठलाते से इस झरने के लिए 
ठंडी सी इस पुरवाई के लिए 
इन मुस्कराते फूलों के लिए 
सावन में पड़े झूलों के लिए 
ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों के लिए
यहाँ खड़े देवदरों के लिए 
पहाड़ो को चूमते बादलों के लिए 
चहचाहती चिड़ियों के लिए 
और इधर उधर भागती इन 
गिलहरियों के लिए 
मुझे एक प्रेम पत्र लिखना है
तुम्हारे लिए .... 

शनिवार, 6 अगस्त 2022

तोहफा

तोहफ़ा 

            चित्र- गूगल साआभार

आज देखा मैंनें तुम्हें 
जब तुम शीशे के सामने बैठी
अपने बालों को 
सुलझाने की कोशिश कर रही थी
और फिर अचानक ही तुम 
वहाँ उसे उठकर गयी 
और डायरी निकालकर उसमें रखा 
गुलाब  देखकर मुस्कराते हुए 
जिस तरह तुम गुलाबी हो गयी 
उस वक्त मुझे लगा कि 
ईश्वर ने फूलों की रचना करने से पहले
क्या इतना विचार ही किया होगा कि 
वो एक ऐसे तोहफे का निर्माण कर रहा है 
जो खिले हुई स्थिति से लेकर 
मुरझाने के बाद भी जीवन को महकाता रहेगा
गालों पर लालिमा और 
होंठें पर मुस्कान लाता रहेगा
खुद सूख जायेगा लेकिन 
यादों की ताजगी बचाता रहेगा .. 

शनिवार, 23 अप्रैल 2022

लहरें



इन लहरों की ही तरह 
एक दिन मैं भी आजाद 
हो जाऊँगी
तुम कैद करते रहना मुझे 
मैं इन किनारों को 
ही तोड़ जाऊँगी
तुम्हारे हिस्से में 
टूटी जंजीरे आयेगी
मेरी हिस्से में 
आजादी की तस्वीरें 
तुम्हारी किस्मत में 
बिखरी हुई रेत 
मेरे लिये अथाह 
सागर खड़ा है देख....

थोडी़ सी शाम

youtube मैं रोज अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी से थोड़ी सी शाम बचा लेता हूँ कि  तुम आओगी तो छत के  इसी हिस्से पर बैठकर बातें करेंगें...