समस्याओं से लड़कर ही हम
बार -बार गिर पड़ते है
गिरकर उठना, उठकर गिरना
कितना मुश्किल होता है
हमसे पूछो मुसीबत में
कौन -कितना किसका होता है पर,
हम वो कायर लोग नहीं जो
चलने से डरते हैं
हम वो कायर लोग नहीं जो
मजबूर होकर मरते हैं
हम तो वो मजबूत पेड़ हैं जो
दिन प्रतिदिन बढ़ते हैं
पत्थरों को तोड़कर कर
हम पानी से बहते हैं
हम वो बुजदिल लोग नहीं
जो चलने से डरते हैं
प्रिय प्रीति जी , आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ | अच्छा लिख रही हैं आप | मेरी सलाह है कुछ सामूहिक ब्लॉग से जुड़िये अर्थात उन्हें फ़ॉलो करिए | जिनके लिंक इस प्रकार हैं |
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पाँच लिंकों का आनंद --
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लिखती रहिये सस्नेह शुभकामनाएं|
धन्यवाद मैम आगे भी सुझाव देते रहियेगा
हटाएंसुस्वागतम !
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