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शनिवार, 1 मई 2021

गोविंद अब तो आ जाओ.....

                     चित्र -गूगल से साआभार

मुझमें मैं नहीं रह गया 
बस तुम ही समाये हो 
जीवन में फैली निराशा तो 
बस तुम ही याद आये हो
इस विपत्ति की घड़ी में 
गोविन्द अब तो आ जाओ
इस संकट के निकलने का 
कोई मार्ग तो सुझाओ
कितना तड़प रहें सब 
कुछ तो इसका हल बतलाओ
इस संकट की स्थिति को
गोविंद अब तुम ही निपटाओ
हर क्षण खत्म हो रहे जीवन में
आशा की एक किरण दिखाओ 
तिल -तिल मरते लोगों को 
तुम जीवन दान का उपहार दे जाओ 
मृत्यु के तांडव को रोककर 
उम्मीदों के की नाव चलाओ
सब को उसमें बैठाकर तुम 
इस संकट से पार लगाओ 
अब मत देर करो गोविन्द 
बस जल्दी से आ जाओ 
निस्तेज हो रहे जीवन को 
तुम अपने तेज से भर जाओ...

गुरुवार, 4 मार्च 2021

उम्मीद की किरण

 ज़िन्दगी हर दिन कुछ ना कुछ लेकर आती है। कुछ चीजें हमारे मन मुताबिक होती हैं तो कुछ एकदम उलट। कभी -कभी ऐसा भी वक्त आता है जब निराशा और हताशा हमें चारों ओर से  घेर लेती है। चारों तरफ अन्धेरा ही नजर आता है। उस समय महसूस होता है कि बस अब हमारी ज़िन्दगी में कुछ नहीं बचा, हमारी जिन्दगी बर्बाद हो गयी। यही समय होता है हमें खुद को पहचानने का,  उस एक वजह को ढूँढने का जो हमें निराशा से आशा की ओर ले जायेगा। यकीन मनिये यही वह वक्त होता है जब हम कोशिश करें तो ऐसा निखरकर बाहर आयेंगें कि हमें बिखेरने वाले के हाथ पछतावा ही आयेगा और वो हमारी जीत होगी... ऐसी जीत जो जीवन के किसी पथ पर हमें हारने नहीं देगी। 

कहीं पढ़ा था few bad chapters doesn't mean you're story is over यानी बुरा समय आने का मतलब ये नहीं है कि आप हार मान जाओ, उठो और लड़ो क्योंकि गिरना और उठना ये तो हम बचपन से ही सीखते हैं। पहली बार चलने की कोशिश में भी ना जाने कितनी बार हम लड़खड़ाते और गिरते हैं पर अन्त में हम चलना सीख ही जाते हैं उसी तरह हमें हर मुश्किल से लड़ने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।

थोडी़ सी शाम

youtube मैं रोज अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी से थोड़ी सी शाम बचा लेता हूँ कि  तुम आओगी तो छत के  इसी हिस्से पर बैठकर बातें करेंगें...