पाँच दिन से लगातार फिर से लॉकडाउन की खबरें उड़ रही हैं।कोरोना का कहर एक बार फिर से हम पर टूट रहा है। कोरोना हमारे जीवन एक त्रासदी बनकर आया। ऐसी त्रासदी जिसकी वजह से ना जाने कितने लोगों को पलायन करना पड़ा। मीलों की पैदल यात्रा भूखे प्यासे गरीबों द्वारा तय की गयी। कुछ घर पहुँचे तो कुछ रास्ते में ही भूख और थकान से दम तोड़ गये।
इन्सान तो इन्सान जानवरों का भी जीवन यापन कर पाना एक समस्या बन गया। पिछला लॉकडाऊन बड़ा भयवाह रहा। गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले तो कोरोना से ज्यादा भूखे ही मर गये।भूख एक बहुत बड़ी बीमारी बन गया जिसने कोरोना को एक झटके में मात दे दी थी।
लॉकडाऊन में तो सभी परेशान होते हैं लेकिन एक गरीब का सोचिए जो रोज कमाता है और शाम को कमाये पैसों से राशन खरीद कर लाता है तब उसके घर में खाना बनाता है। ऐसे लोग इस त्रासदी से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। फिर वैसे ही हालत बन रहे...कोरोना फिर से अपने पाँव पसारा रहा है। पिछली बार श्याद मौतों का आँकड़ा इस बार की अपेक्षा बहुत कम था। इस बार अप्रैल शुरू होते ही कोरोना के केस और मौतों के आँकड़ों में इतनी ज्यादा बढोत्तरी हो गयी है कि फिर से लॉकडाऊन के कयास लगाये जा रहें हैं।
हमारे लखनऊ का हाल कुछ ज्यादा ही बुरा हो गया है। यहाँ एक तरफ हॉस्पिटल में बेड की कमी है तो दूसरी तरफ श्मशान घाट में जगह भी कम पड़ रही है। इस बार कोराना पिछली बार से बहत ज्यादा खतरनाक रूप में सामने आया है तो बेहतर यही कि खुद को बहुत अच्छी इम्यूनटी वाला समझ कर नियमों की अनदेखी ना करे। फिर से सैनेटाइजर और मास्क का उपयोग करना शुरू कर दें। क्योंकि अगर ऐसा ही चलता रहा तो सरकार को मजबूरन लाॅकडाऊन लगाना पड़ेगा।
मेरे जान पहचान में दो लोगों की मौत इस एक हफ्ते में कोरोना से हो चुकी है और चार से पाँच लोग अभी भी संक्रमित है। आप सब अपना और अपने परिवार का ख्याल रखिये और सतर्क रहिये साथ ही इसे पिछले साल की तरह इसे कमजोर कोरोना मत समझिये। इस बार इसने जिसको भी अपनी गिरफ्त में लिया है उसमें से ज्यादातर लोग वेन्टिलेटर पर ही जा रहें हैं। मेरे घर से 300 मीटर की दूरी पर ही अस्पताल है जिससे जानकारी मिलती रहती हैं। यहाँ हालात बहुत बुरे हैं। बस बचाव ही उपाय है साथ ही जिन्होंनें वैक्सीन नहीं लगवाई है मेरा यही सुझाव है कि लगावा लें क्योंकि जिस स्पीड से कोरोना फैला रहा है लगता नहीं कि इसके संक्रमण से कोई बच पायेगा। जान है तो जहान है घर पर रहें सुरक्षित रहें,, जब अत्याधिक आवश्यक हो तभी बाहर निकलें।
बहुत अच्छा लेख है |पर ऐसा हुआ क्यों ? हम तो अपनी नाव भंवर से बाहर निकाल लाये थे |
जवाब देंहटाएंकोरोना ने खुद में परिवर्तन कर लिया इसलिए हम पिछली बार से बुरी स्थिति में आ गये हैं।
हटाएंउपयोगी आलेख।
जवाब देंहटाएंआपने आज की ज्वलंत समस्या और मानव जाति के अस्तित्व से जुडी इस विषय पर बहुत ही महत्वपूर्ण व उपयोगी लेखन, एक सधे हुए तरीके से किया है।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत शुभकामनाएँ प्रीति जी।
आप स्वयं का भी बेहतर ख्याल रखें।
इस बार कोराना पिछली बार से बहत ज्यादा खतरनाक रूप में सामने आया है तो बेहतर यही कि खुद को बहुत अच्छी इम्यूनटी वाला समझ कर नियमों की अनदेखी ना करे। फिर से सैनेटाइजर और मास्क का उपयोग करना शुरू कर दें। ---महत्वपूर्ण जानकारी भरा आलेख...। अपना ध्यान रखियेगा...।
जवाब देंहटाएंआप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
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