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शुक्रवार, 5 मार्च 2021

अदीब शब्द का अर्थ

बहुत लोग मेरे ब्लाग का नाम सोचकर हैरान हो रहे होंगे कि ये कैसा नाम है या इसका अर्थ क्या है। मुझे लिखने का शौक था तो मैंनें सोचा क्यों  ना ब्लाग के माध्यम से है मैं अपने लेखन को एक मुकाम तक ले जाऊँ। क्योंकि मेरे घर या जान पहचान में दूर - दूर तक किसी का लेखन से कोई वास्ता नहीं है तो किसी से कोई सलाह मिल जाये ऐसी कोई उम्मीद तो थी नहीं। फिर मैंनें गूगल से ब्लाग के बारे में काफी  जानकारी इकट्टा की।
ब्लाग बनाने से पहले मैंनें काफी सारी रिसर्च गूगल से लेकर यूट्यूब तक की कि क्या कैसे करना है। वहाँ मुझे ब्लागर के बारे में पता चला जो हमें फ्री में ब्लाग बनाने की सुविधा देता है। 
 लेकिन ब्लागर पर आईडी बनाने से भी जरूरी काम था ब्लाग का नाम ढूँढना। क्योंकि ब्लाग के नाम के बिना तो ब्लाग बनेगा नहीं।  पहले तो मुझे लगा कि बड़ा आसान काम है अभी दस मिनट में नाम ढूँढ लेती हूँ लेकिन जब सोचने लगी तब समझ आया कि ये काम बड़ा मुश्किल था। मैं हिन्दी में अपना ब्लाग लिखने वाली थी इसीलिये मैं अपने ब्लाग का कोई हिन्दी नाम ही रखना चाहती थी।इस कोशिश में मैंनें कई नाम ट्राई किये लेकिन वो पहले से ही किसी और ने रख लिये तो मुझे नहीं मिला। दो दिन की कोशिश के बाद मुझे ये शब्द "अदीब" मिला। अदीब शब्द का अर्थ होता है "लेखक" ये अदीब शब्द मेरे लेखन के हिसाब से एकदम परफेक्ट है क्योंकि मैं यहाँ कहानियाँ और लेख लिखने वाली हूँ। मैं अपने ब्लाग का कोई ऐसा नाम नहीं रखना चाहती थी जो मेरे लेखन को सीमाओं में बाँध दे। मैं किसी एक टॉपिक पर नहीं बल्कि हर एक मुद्दे पर लिखना चाहती हूँ। तो इस लिहाज़ से ये अदीब शब्द एक दम सही लगा मुझे। 

वैसे भी अगर लेखक अपने लेखन को सीमित कर ले तो तो "जहाँ ना पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि"  की कहावत चरितार्थ कैैैैसे होगी।
आप सब लोग यू ही साथ बने रहिये और मेरे ब्लाग को पढिये और अपनी अमूल्य टिप्पणी अवश्य करिये... 

थोडी़ सी शाम

youtube मैं रोज अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी से थोड़ी सी शाम बचा लेता हूँ कि  तुम आओगी तो छत के  इसी हिस्से पर बैठकर बातें करेंगें...