चुनाव लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
चुनाव लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 3 अप्रैल 2021

सत्ता- ए- प्रधान

चुनाव 

सत्ता तो हम यूपी वालों की कमजोरी है। हमारे यहाँ हर घर में हर एक व्यक्ति नेता बनना चाहता है। प्रधानी का चुनाव आते ही पूरे गाँव में अलग ही खुशी की लहर फैल जाती है। चुनाव आया नहीं कि लोगों के घरों में आने वालों का ताता लग जाता है। सीधा वोट माँगने कोई नहीं आता बस हाल चाल लेने आते हैं। उम्मीदवार पहले से ही पृष्ठभूमि तैयार करना शुरू कर देते है। जिनसे दुश्मनी रहती है उनके पैर छूकर उन्हें भी सम्मान का भागीदार बनाया जाता है। 
अब कल ही एक जन आये और हमारे चाचा का पैर पकड़कर उसे माथे से लगा लिया। मैं भी वही खड़ी थी।मैंनें अपने चाचा के लड़के से इशारे से पूछा 'भाई ये क्या ड्रामा है' तो वो धीरे से मेरे कान में बोला "दीदी बस देखती जाओ" फिर उस इन्सान ने चाचा के पैरों में लगी मिट्टी अपने हाथों में लेकर अपने माथे पर मलने लगा। मैं आँखें बड़ी करके उसे देख रही थी और भाई मुझे देखकर मुस्करा रहा था। तुरन्त ही वो आदमी चाचा से बोला "बस ऐसे ही आशीर्वाद बनाये रखना" और चला गया। उनके जाते ही भाई बोला "जिज्जी इसे कहते हैं प्रधानी का चुनाव"

अभी कुछ दिनों पहले ही कोर्ट के आर्डर से प्रधान के चुनाव की कुछ सीटों में बदलाव हो गया। जिसकी वजह से कई जगहों पर पुरूष सीट की जगह महिला सीट हो गयी। जो प्रत्याशी बनना चाहते थे उन्होंनें तुरन्त अपनी जगह अपनी पत्नी को खड़ा कर दिया। उस पत्नी को जिसकी शक्ल भी बहुत कम लोगों ने देखी होगी और हाँ इस समय चुनाव प्रचार भी जोरों से कर रहें हैं। पोस्टर पर पत्नी की फोटो भी छपवा रहें हैं लेकिन उसके नीचे पत्नी के नाम से ज्यादा हाइलाइट करके अपना नाम लिखवा रहें हैं क्योंकि पत्नी तो नाम की ही प्रधान रहने वाली हैं। वोट माँगने भी पत्नी की जगह स्वयं जा रहे हैं तो आप समझ ही सकते हैं कि मैडम जी जहाँ जरूरत हो सिर्फ हस्ताक्षर करने या अनूठा लगाने के काम आने वाली हैं। 
 लगभग साल भर पहले पंचायत वेबसीरीज आयी थी बस उसी के दर्शन चुनाव आते ही होने लगते हैं। यही सब देखते हुए मैंनें चन्द लाइने लिख दी। 


प्रधानी का चुनाव आया महिला की हो गयी सीट 

चार बार से हार रहे साहब अब कैसे हो जीत

साहब ने दिमाग लगाया अक्ल के घोड़ों को दौडाया 

पत्नी को प्रत्याशी बना कर कर दिया अपना काम 

साहब मन ही मन खुश हुए कि बन गये वो प्रधान

पत्नी बेचारी ना जाने किस कारण उसको खड़ा किया

किस गलती की सजा के कारण उसको चुनाव लड़ा दिया 

घूँघट वाली महिला का मुख  दर्शन हो गया आम 

फेसबुक पर मैडम की फोटो मचा रही कोहराम 

देखो भईया बनाने आयी महिला अब प्रधान 

जगह - जगह पोस्टर में वादों की एक लिस्ट छपी है

गजब बात ये है कि फोटो मैडम की भी छपी है

और नीचे लिखा हुआ है कि इनके पति हैं भोंदूराम 

आखिरकार जीतने के बाद करना है इन्हीं को काम 

और वोट माँगते घूम रहे पूरे गाँव में भोंदूराम 

आयी महिला सीट और बनेगी महिला ही प्रधान.....

चुनाव

चित्र- गूगल साआभार तुमने प्रेम में अभिव्यकित चुनी और मैंने चुना मौन हो जाना तुमने मेरे साथ जोर-जोर हँसना चुना और मैंनें तुमको...