शनिवार, 6 अगस्त 2022

तोहफा

तोहफ़ा 

            चित्र- गूगल साआभार

आज देखा मैंनें तुम्हें 
जब तुम शीशे के सामने बैठी
अपने बालों को 
सुलझाने की कोशिश कर रही थी
और फिर अचानक ही तुम 
वहाँ उसे उठकर गयी 
और डायरी निकालकर उसमें रखा 
गुलाब  देखकर मुस्कराते हुए 
जिस तरह तुम गुलाबी हो गयी 
उस वक्त मुझे लगा कि 
ईश्वर ने फूलों की रचना करने से पहले
क्या इतना विचार ही किया होगा कि 
वो एक ऐसे तोहफे का निर्माण कर रहा है 
जो खिले हुई स्थिति से लेकर 
मुरझाने के बाद भी जीवन को महकाता रहेगा
गालों पर लालिमा और 
होंठें पर मुस्कान लाता रहेगा
खुद सूख जायेगा लेकिन 
यादों की ताजगी बचाता रहेगा .. 

शनिवार, 23 अप्रैल 2022

लहरें



इन लहरों की ही तरह 
एक दिन मैं भी आजाद 
हो जाऊँगी
तुम कैद करते रहना मुझे 
मैं इन किनारों को 
ही तोड़ जाऊँगी
तुम्हारे हिस्से में 
टूटी जंजीरे आयेगी
मेरी हिस्से में 
आजादी की तस्वीरें 
तुम्हारी किस्मत में 
बिखरी हुई रेत 
मेरे लिये अथाह 
सागर खड़ा है देख....

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

रहस्यात्मक होना अवाश्यक है....

खुली किताब सी नहीं है मेरी जिंदगी 
मैं हमेशा अपने आस-पास एक रहस्यमय
औरा बरकरार रखती हूँ 
मुझे पसन्द है ऐसे जीना कि 
कोई मुझे समझने की एक नाकाम 
कोशिश करे और फिर 
खाली हाथ लौट जाये जिससे 
उसे महसूस हो कि 
इतना आसान कैसे हो सकता है 
एक ऐसी लड़की को समझना जो 
कहानी कविताओं और उपन्यासों 
से घिरी रहती है
कभी-कभी मुझे लगता है कि 
यू रहस्यों को बरकरार रखना 
व्यक्तित्व को कितना आकर्ष बना देता है
ये रहस्यों को बरकरार रखने की कला 
तुमसे ही सीखी है मैंनें.. लेकिन 
मैं अब तक मैं तुम्हें ही नहीं समझ पाई..... 

शुक्रवार, 12 नवंबर 2021

प्रेम

स्त्रियां प्रेम को कई 
हिस्सों में बाँटकर 
अपना श्रृंगार करती हैं 
और हर हिस्सा 
अपने आप में 
पूर्ण होता है
गालों पर लालिमा 
होंठों पर मुस्कान 
आँखों में काजल 
माथे पर बिंदी 
लहराते बाल
बालों में फूल 
बस ऐसे ही वो 
अपने प्रेम को दर्शाती है ...

थोडी़ सी शाम

youtube मैं रोज अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी से थोड़ी सी शाम बचा लेता हूँ कि  तुम आओगी तो छत के  इसी हिस्से पर बैठकर बातें करेंगें...