शनिवार, 23 अप्रैल 2022

लहरें



इन लहरों की ही तरह 
एक दिन मैं भी आजाद 
हो जाऊँगी
तुम कैद करते रहना मुझे 
मैं इन किनारों को 
ही तोड़ जाऊँगी
तुम्हारे हिस्से में 
टूटी जंजीरे आयेगी
मेरी हिस्से में 
आजादी की तस्वीरें 
तुम्हारी किस्मत में 
बिखरी हुई रेत 
मेरे लिये अथाह 
सागर खड़ा है देख....

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

रहस्यात्मक होना अवाश्यक है....

खुली किताब सी नहीं है मेरी जिंदगी 
मैं हमेशा अपने आस-पास एक रहस्यमय
औरा बरकरार रखती हूँ 
मुझे पसन्द है ऐसे जीना कि 
कोई मुझे समझने की एक नाकाम 
कोशिश करे और फिर 
खाली हाथ लौट जाये जिससे 
उसे महसूस हो कि 
इतना आसान कैसे हो सकता है 
एक ऐसी लड़की को समझना जो 
कहानी कविताओं और उपन्यासों 
से घिरी रहती है
कभी-कभी मुझे लगता है कि 
यू रहस्यों को बरकरार रखना 
व्यक्तित्व को कितना आकर्ष बना देता है
ये रहस्यों को बरकरार रखने की कला 
तुमसे ही सीखी है मैंनें.. लेकिन 
मैं अब तक मैं तुम्हें ही नहीं समझ पाई..... 

शुक्रवार, 12 नवंबर 2021

प्रेम

स्त्रियां प्रेम को कई 
हिस्सों में बाँटकर 
अपना श्रृंगार करती हैं 
और हर हिस्सा 
अपने आप में 
पूर्ण होता है
गालों पर लालिमा 
होंठों पर मुस्कान 
आँखों में काजल 
माथे पर बिंदी 
लहराते बाल
बालों में फूल 
बस ऐसे ही वो 
अपने प्रेम को दर्शाती है ...

सोमवार, 30 अगस्त 2021

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामानयें

कदम्ब के वृक्ष को देख के सोचा  
कितना मनमोहक है ये
कृष्ण इसी फर झूलते होगें
इसके तले ही घूमते होगें 
गइया चराने जाते होगें 
अनेक लीलाए दिखाते होगें

माखन चोरी कर खाते होगें
मघुर मुरली की तान सुनाते होगें
उसको सुन सब बेसुध हो जाते होगें 
हर पल कृष्ण ही कृष्ण बुलाते होगें
यही तो कृष्ण रास रचाते होगें
माता यशोदा नन्द उनको लाड़ लगाते होगें
कह कान्हा- कान्हा बुलाते होगें

जब पीताम्बर पहन वो चलते होगें 
कामदेव क्षीण हो जाते होगें
उनकी सुन्दरता को देख ब्रजवासी सुख पाते होगें..

थोडी़ सी शाम

youtube मैं रोज अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी से थोड़ी सी शाम बचा लेता हूँ कि  तुम आओगी तो छत के  इसी हिस्से पर बैठकर बातें करेंगें...